ش | ی | د | س | چ | پ | ج |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | ||
6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 |
13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 |
20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 |
27 | 28 | 29 | 30 | 31 |
کجا پنهان کنم تو را ؟
پشت کدامین واژه
کدامین سطر
که از خط شعرهایم بیرون نزنی
و طبل رسوایی ام را نکوبی
کجا پنهان کنم تو را ؟
که گونه هایم
از عشق گل نیندازند
چشمانم
از دوری ات نبارند
و دستانم
بهانه ات را نگیرند
لبریز ام از تو
عطر دلدادگی ام
تمام شهر را پر کرده است
و تو
آشکارترین پنهان منی
سارا قبادی